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(चोरी -चोरी)
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मुद्दतों बाद मिली
तो उसने मेरा नाम पूछा ..
सुनकर ये सवाल हैंरां हैं
रोये की हंसे
वो जमाना अभी ठीक से गुजरा भी नहीं
जब वो हमसे कहती थी
सिर्फ तुम ही हो मेरे दिल में बसे
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तेरे ख्याल से ही इतना सुकून
वो मेरी जिंदगी मे कब चला आया
मुझे तो ये अहसास ना हुआ ।
ये खयाल मुझे तब आया
जब किसी ने याद दिलाया की
मैं मुद्दत से उदास ना हुआ ।।
वो मेरी जिंदगी मे कब चला आया
मुझे तो ये अहसास ना हुआ ।
ये खयाल मुझे तब आया
जब किसी ने याद दिलाया की
मैं मुद्दत से उदास ना हुआ ।।
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तेरे ख्याल से ही इतना सुकून है
जिन्दगी खुबसूरत और आसान है ।
जो तू खुद मिल जाये तो क्या कहना
मेरे लिये तो जन्नत ये जहान है ।।
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कितने गम थे मेरे हिस्से के
कितनी दुश्वारियां बाकि थी
प्यास सदियों की थी
और एक कतरा भी पीया ना था
।
बेरहम वक्त ने
बिदा लेने की भी मोहलत ना दी
बस अभी तो मिला था उनसे
और सलाम भी ठीक से किया ना था ।।
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चाहत का ये सिलसिला आज का नहीं
बरसों से मैं उसका तलबगार हूं ।
सांसों में उसकी महक आज भी कायम है
उसके लिये आज भी बेचैन और बेकरार हूं ।।
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हम भी देखेंगे तेरी वफा कौन सी है
दिल जिस पे मरता है वो अदा कौन सी है ।
या तो कर दे कत्ल या लगा ले सीने से
बता इन दोनों में तेरी रजा कौन सी है ।। (चोरी -चोरी)
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हमें भी नींद की तलब ना रही
अब रातों को जागना अच्छा लगता है ।
मैं जानता हूं वो मेरा नहीं है
पर उसे खुदा से मांगना अच्छा लगता है ।।
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तेरी ही जुस्तजू घेर है मुझे
हर सांस पर तेरी ही चाहत का पहरा है
गर चाहो तो मेरे खयालों की तलाशी ले लो
इक तेरी ही आरजू है, इक तेरा ही चेहरा है
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ये कौन फिरता है मुझ में आरजू बन के
किसकी धुंध में खो गया मेरा बजूद है ।
खुद में जगह नहीं मिलती मुझको
वो इस कदर मुझ में मौजूद है ।।
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