Masti Fun Aur Life मस्‍ती फन और लाईफ

Anil Ballewar, Durg Email: mastifunaurlife@way2sms.com anilballewar.co.cc kakakejokes.co.cc

Kaka Ke Jokes






 



 



 


 


 


 






 

















 



  





 


 


 



 


 


 

 


 

 


 

 

 


 



 



 



 
 




















इसे ईमेल करेंइसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करेंFacebook पर साझा करेंPinterest पर साझा करें

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें संदेश (Atom)

पेज

  • WelComes
  • Kaka Ke Jokes
  • Love Song
  • KaKa Ke JoKes Display

Visiter

Follow by Email

इस गैज़ेट में एक गड़बड़ी थी.

श्री गणेशाय नम:

श्री गणेशाय नम:

Holi Hai

'' होली के बहाने
बिते हुए दिनों को फिर बुला लो
फिर जी लो बचपन को,
फिर वही मस्‍ती की तरंग जगा लो,
जिंदगी के रंग को यू बेरंग ना होने दो
उम्र भले कम होती रहे
खुशियों की कम उमंग ना होने दो
साथ तुम्‍हारे सदा
खुशियों की, मस्‍ती की टोली हो
तुम्‍हारी बदौलत तुम्‍हारे अपनों की
हर रात दिवाली हो, हर दिन होली हो ।''
-----------------------------------
।। गणपति बाप्‍पा मोरिया ।।
'' नित्‍य नई कामयाबी आपके कदम चूमे
जीवन में बुध्‍दि कौशल धन धान्‍य भरे
स्‍वास्‍थय समृध्दि सौभग्‍य से
आपका परिवार निखरे
सदैव लक्ष्‍मी जी संग गणेश और सरस्‍वती
आपके घर श्रृंगार करें
ति‍ल संक्रांति‍ पर्व पर हमारी शुभकामनाएं
दिल से स्‍वीकार करें ।''

।। गणपतीबप्‍पा मोरया ।।


हर रोज नये आईटम के लिये इस साईट पर जरूर आये, रोज आईये किसी दिन आपके लिये भी कुछ होगा इसमे

24. कोई कब तक थामें रहेगा
तहजीब और तमीज का दामन
दिवानों के सब्र को
कोई इस कदर भी ना आजमाये ।
उनसे जाके कह दे कोई
वो आज घर से बाहर ना आये
मुद्दतों बाद, मिन्‍नतों बाद
बरस रहा है पानी
बारिश में भिगकर
पानी में ना आग लगाये

23.
लगा रखे हैं सबने चेहरे पे चेहरा
सजा रखी है सबने अपनी महफिलें
और महफिल में हर चेहरा हंसता है
जाने कितने अंधेर कोने है दिलों में
ये सिर्फ तेरा या मेरा किस्‍सा नहीं है दोस्‍त
यहां हर दिल के किसी कोने में
एक नाकाम आशिक जरूर बसता है !!

22.

ये खामोशी, ये उदासी

जँचती नहीं है तुम्‍हारी नि‍गाहों में

गुलशन, बि‍याबान, फूल और कॉंटें

सब कुछ साथ साथ ही है

इस जिंदगी की राहों में ।

सब दि‍न एक से कहॉं होते हैं

ये आलम भी यूं ही नि‍कल जायेगा

है तो मुश्‍ि‍"कल पर

नजरि‍या बदलो तो

नजारा भी बदल जायेगा ।

खुशि‍यों की एक खुबसूरत वजह

खुद तुम हो, ये जान लो तो

दि‍लों की बेचैनी, मायूसी

पल भर में हट जायेगी,

जि‍नकी जिंदगी में तुम हो

तमाम खुशि‍यॉं और नेमतें

खुद ब खुद

उन तक सि‍मट जायेगी ।

फूल खुबसूरत तो हैं

पर तुम्‍हें ये सोचकर भेज रहे हैं

कि‍ तुम्‍हारे साथ इनकी खुबसूरती

कुछ और उघड़ जायेगी,

इन फूलों को अपने पास रखना

तुम्‍हें नहीं मालूम पर जानम हम जानते हैं

तुम्‍हारे साथ इनकी महक, मासूमि‍यत

कि‍स कदर बढ़ जायेगी ।

12/05/2009

21.

मुद़दतें बीत गई, पर उन दि‍नों की रह रह के याद आती है
लबों पे पहले तो मुस्‍कान फि‍र फरि‍याद आती है ।
काश ये क्‍यों नहीं होता कि‍ वक्‍त की दूर घट जाये,
उन कि‍मती पलों में उन लम्‍हों में ही
फि‍र एक बार जिंदगी सि‍मट जाये ।
आओ एक बार फि‍र अपने हथेलि‍यों में तलाश करके देख लें,
शायद कोई कि‍स्‍मत की लकीर मि‍ल जाये,
वो सुकून, वो अहसास, जिंदगी के सबसे हसीन लम्‍हों की वो तस्‍वीर मि‍ल जाये ।
आ चल के फि‍र से बैंठें क्‍लास की उस लास्‍ट बेंच पे
क्‍या पता शायद फि‍र से वो मि‍लने की तकदीर मि‍ल जाये ,
फि‍र वो पुराने दि‍न, वो उमंग वो मस्‍ती वो बेफि‍क्री की जागीर मि‍ल जाये ।

18/06/2009

20.
ये तो इनायत है आपकी
जो हमारे पैगामों में
मुस्‍कुराने की वजह देखती है
आपकी निगाहें ।
हमारे मोबाईल से तो पूछीये
बेताबी का आलम
जो हर पल देखता है
आपके एस.एम.एस. की राहें ।
आपको नहीं बल्कि हमें मिलते हैं
आपके खयाल से, आपके पैगाम से
मुस्‍कुराने के बहाने,
आप हमारे लिये मुस्‍कुराने की
सबसे हसीन वजहों में से एक है,
आप चाहे माने या ना माने ।
अपने लिये तो खुशियां और जिंदगी
का मतलब ही बस इतनी सी बात है,
दोस्‍तों से ही रौनक,
दोस्‍तों से ही चाहत,
दोस्‍तों से ही कायम हमारी कायनात है
हुजूर मेरे !
हमारे होठों पे आजकल
सजी रहती है मुस्‍कान
इसकी वजह भी
एकदम सीधी और साफ है ।
पहली तो आपकी दोस्‍ती ,
दूसरी आपकी मुस्‍कान,
तीसरी वजह खुद आप है ।


20/08/2008

19.
जो टूट जाये तो क्‍या
सपनों की भी अपनी उमर होती है,
ये सपने ही तो है,
जिनके पूरे होने की उम्‍मीद में
जिंदगी बसर होती है ।
किसका जोर चला है इन ख्‍वाबों पर ,
किसका जोर चलता है,
सपने तो सपने है !
पर क्‍या करे
इन्‍हें हकिकत में बदलने को
बार बार दिल मचलता है ।
आरजूएं पूरी होती कहां है हकिकत में ,
इसीलिये तो सपनो का सहारा है,
सपनों का दामन थम कर ही तो
हमने आपके साथ
हसीन वक्‍त गुजारा है।
मेरे मालिक !
खुद से हमें रूबरू होकर
हाले जिंदगी भले ना कहने दो ,
पर आपसे गुजारिश है
कम से कम अपने ख्‍वाबों को तो
हमारे साथ रहने दो ।


20/08/2008

18.
माना आप मालिक है,
पर इस कदर जुल्‍म भी ना सरकार करें
दिलो की धडकन आप से चलती है,
अमन चैन छिनकर
जीना ना दुश्‍वार करे ।
कब होगी मेहरबानी हुजूर की
कोई कैसे कयामत तक इंतजार करे
मेरे मालिक !
आप भी समझ लिजिये
बढती ही जायेगी ये दीवानगी
जो सनम का ना दीदार करें


19/08/2008

17.
जलवा दिखा के राह में
इस तरह छोड जाना ठीक नहीं,
तरसे हुओं को इस कदर
तरसाना ठी‍क नहीं।
हमारा हाल भी तो
खयाल में ले लो कभी
मेरे मालिक !
किसी की जान पे बन आये
इस कदर जिद में आना ठीक नहीं ।


19/08 /2008

16.
''जिसने जीवन दिया,
जिसने ये चमन दिया
उस मातृभूमि,
उस वतन का सम्‍मान करें
सुख समृध्दि हो चहूं ओर,
दिल से इसका नवनिर्माण करें
वतन हम से है, हम वतन से है,
खुद से शुरू ये अभियान करें।''
स्‍वतंत्रता दिवस पर सभी बंधुओं का अभिनंदन।


15 अगस्‍त 2008

15.
बंदिशें बहुत है इस जहां में,
इसलिये तो दिलों में रहकर भी
दोस्‍तों से कुछ दूरी है ।
साथ गुजारे वक्‍त की यादें कहां जाती है
दोस्‍तों का साथ, दोस्‍तों का खयाल,
दोस्‍तों के पैगाम
सब कुछ हमारे लिये जरूरी है ।
सिर्फ फ्रेंडशिप डे की ही बात नहीं
हर दिन, हर पल, हर बार
खुशियां दोस्‍तों के बिना
फिकी है अधुरी है।


04/08/2008

14.
कब तक ये चांदनी रहेगी,
कब तक ये रात सुहानी रहेगी ।
कहते हैं चार दिन की जिंदगी है,
ज्‍यादा से ज्‍यादा दो दिन
जवानी रहेगी ।
गम क्‍या करें, क्‍यों करे,
हमें तो ये मालूम है,
हर मौसम में, तमाम उम्र
हम पर आपकी मेहरबानी रहेगी ।
सजती रहेंगी महफिलें,
मिलती रहेंगी मंजिलें,
खुशियां खुद हमारा
पता पूछते आयेगी,
जब तक आप हमारी दीवानी रहेंगी ।

02/08/2008

13.
गुजर तो जाती है हर हाल में जिंदगी,
पर ये बेहतरीन नहीं होती ।
एक भी ख्‍वाहिश हो जो अधूरी,
तो जिंदगी रंगीन नहीं होती ।
नेमतें हो हासिल तमाम,
कितनी भी हो खुशहाल हो जिंदगी,
आप जैसे माशूक के बीना
शामें हसीननहीं होती ।
आरजूओं को खयालों में पूरा कर लें,
पर खयालों में हकिकत की जमीन नहीं होती।
आप मालिक है,
लेते ही रहते हैं सब्र का इम्तिहान ,
आपके लिये गुलामों की दिवानगी
काबिले यकिन नहीं होती ।
मेरे मालिक,
आपको नहीं लगता बंदें को
अपना दीदार करा दें,
क्‍या आपको मालूम नहीं,
बेचैन दीवाने की रूह
जन्‍नत नशीन नहीं होती ।

01/08/2008

12.
ये जिंदगी है प्‍यारे, इसका यही रंग रूप है ।
हर रंग को जियो , हर रस को पीयो,
कब हो जाये जिंदगी की शाम
अभी तो खिली घूप है ।
तुम ही सोचो
ऐसे कितने है जिनके यहां
खुशियां खुद पता पूछते हुए आती है ।
प्‍यारे इतना जान लो, तकदीर भी
कोशिश करने वाले का ही साथ निभाती है ।
कहते हैं जिंदगी चार दिनों की है,
अभी भी दो दिन बाकि है
ज‍हां इतने दिन गुजर गये
ये दो दिन भी देखो कैसे निकलता है ।
हर ख्‍वाहिश कर लो पूरी,
हर पल को जी लो
गुजरा हुआ पल कभी वापस नहीं मिलता है
जो कुछ भी है अभी है, और यहीं है,
यहां के बाद,
जाने कौन, किसे कहां मिलता है ।
हसरतें पूरी हो ना हो,
मेरे दोस्‍त ये याद रखना
कहते हैं जीवन बहुत मुश्किल से मिलता है।
01/08/2008


11.
जाने क्‍यों खोने का डर रहता है,
भले आपको पा ना सके,
कितने बरस हो गये
बिछडकर, दूर रहकर
फिर भी हम आपको भूला ना सके ।
मोहलत तो दी थी वक्‍त ने
पर हम ही आपके दर पे
तकदीर आजमा ना सके ।
आपके लिये ही तो ख्‍वाहिशें थी,
तमन्‍नायें थी दिल में,
पर अफसोस
आप ही को बता ना सके ।
अब तो वाकिफ हैं आप
हमारे हाले दिल से
आप इतने भी संगदिल नहीं
जो हमें अपने पास बुला ना सके ।
मेरे मालिक !
क्‍या ऐसा कोई वक्‍त नहीं
आपकी जिंदगी में
जो आप और मैं साथ बिता ना सके ।

11/07/2008

10.
वाकि‍फ नहीं हैं आप हमारे जुनून से,
इसि‍लये आपने हमसे
चीज आसान मांग ली,
बडे रहमदि‍ल है हुजूर मेरे,
जहां मांगनी थी जान,
वहां मुस्‍कान मांग ली ।

09/07/2008

9.
नजर का फेर है
नजर नजर की बात है,
जिंदगी कभी चांदनी रात है,
तो कभी गम की सौगात है ।
मस्‍ती का नशा है कहीं,
तो कहीं नजरें प्‍यासी है, उदास है,
फिर भी जो ढूंढे तो हर गम में भी
कहीं खुशियों का अहसास है ।
कितनी अबूझ, अदभूत है जिंदगी,
कहते है
कभी संगीत है, तो कभी शोर भी है,
खैर फिर भी चलती ही रहती है ये,
क्‍योंकि सितारों से आगे जहां और भी है ।

25/06/2008

8.
सूरतें वही है, निगाहें बदल गई है,
मुसाफिर वही है राहे बदल गई है।
मौसम भी जल्‍दी जल्‍दी बदल र‍हा है,
सुहावना दिन भी
अंधेरी, अकेली उदास रात में ढल रहा है,
फूल भी शोलों में ढल गये
मैंने जो उन्‍हें चूमा,
तो मेरे होंठ भी जल गये ।
फिर एक बार
गमों, परेशानियों को हम भा गये हैं,
लगता है,
फिर तेरे शहर में आ गये हैं ।

23/06/2008

7.
ये जुल्‍फ, ये लब, ये हुस्‍न,
ये दिलकश निगाहें,
कौन है जिसकी आरजू में
तू शामिल नहीं है,
हर तरफ तेरी खुशबू,
हर तरफ तेरा जलवा,
तेरे दिवानों के लिये
और कुछ दीदार के काबिल नहीं है,
तेरी इक निगाहे करम की कीमत
अपने उन दिवानों से तो पूछ,
जिन्‍हें तू हासिल नहीं है ।

23/06/2008

6.
जो मिला है उसके दर से,
उसे सिर्फ अपने पास ना रखना,
उसकी मस्‍ती की मय सबको मिले,
बाकि किसी की भी प्‍यास ना रखना ।
ये तो सोचो ! क्‍या ये होगा ठीक,
आपके रहते आपके शार्गिद हो मायूस ,
चलती रहे मस्‍ती की महफिल,
किसी भी बन्‍दे को उदास ना रखना

18/06/2008

5.
दुर्ग का मौसम
एक बार फिर सुहाना हो रहा है,
गर्मी से मिल रही है राहत,
और धूम और मस्‍ती का
बहाना हो रहा है ।
हॉं, मुझे पहले ही समझ जाना था,
ये सब बेवजह नहीं,
जरूर हुजुर का
लौट के दुर्ग आना हो रहा है ।

17/06/2008

4.
अब बस भी करें जनाब
अब और उलझन दिलों में पालिये ना,
वैसे ही बेसब्र, बेचैन है आपके लिये
चाहने वालों को
और मुश्किल में डालिये ना ।
क्‍यों चाहत का,
दिवानगी का यकिन नहीं,
जो आप पर मर मिटे है
उन्‍हें अपना लें, गले लगा लें,
इस कदर उन्‍हें टालिये ना ।
खुशियां और जिंदगी
किसको कल की मोहलत देती है
कल पे इनकी जिम्‍मेदारी डालिये ना ।

16/06/2008

3.
वक्‍त कभी किसी के लिये रूका है और लौटा है ?
खुशियां भी दर पे कभी बार बार लौट के आती है ‍?
बडी मुश्किल से मिलते हैं आप जैसे सनम,
हर बार तकदीर कभी किसका साथ निभाती है ।
आओ ये हसीन पल मिलकर जी लें,
मैं कहता हूं जिंदगी जरा है,
आप कहते हो
ये लौट के भी नही आती है ।

15/06/2008

2.
माना की जंचती है
आपके रूख पे बेरूखी
रूठ कर गुस्‍से में
आपकी हंसी और हसीन हो जाती है ।
पर मालिक !
जो फुरसत मिले कभीतो
हमारे लिये भी सोच लिजियेगा
आपके लिये तो खेल है, अदा है,
बन्‍दे की तो जान पे बन आती है ।

14/06/2008

1.
ये माना जुदा है अंदाज तुम्‍हारा,
जुदा है तुम्‍हारी अदा,
आशिक है सारे तुम्‍हारे
सारा शहर है तुम पे फिदा ।
कातिलाना है स्‍टाईल तुम्‍हारी
और उस पे दिलकश हाईट है,
उपर से गजब ये की
पहनते हो जिन्‍स वो भी बेहद टाईट है ।
पर काका कोई बात नहीं
आज की डेट में
अपन के नाम से भी वेब साईट है ।

13/06/2008



visiter ip

यारों की महफिल Yaro Ki Mahfil

लम्‍बी उमर की दुआ तो आपने दे दी,
सोचा भी नहीं क्‍या होगा हमारा
किसकी ख्‍वाहिश है बरसो जीने की,
जिंदगी तो सजा है,
जो ना हो दोस्‍तों का सहारा !
कहते हैं दोस्‍ती की भी एक उमर होती है,
ये सोचकर हम घबराते हैं,
जिनकी दोस्‍ती को सब तरसते हैं,
ऐसे दोस्‍त कहां बार बार जिंदगी में आते हैं ।
बचपन की दोस्‍ती जवानी में छूट जाती है,
स्‍कूल की दास्‍ती 10+2 के बाद टूट जाती है,
कॉलेज की दोस्‍ती पढाई तक काम आती है,
और प्‍यार की दोस्‍ती शादी पे जाकर तमाम हो जाती है ।
मेरे मालिक!
आओ हम भी अपनी दोस्‍ती की उम्र का ऐलान कर दे,
दिलों की मुश्‍किल को, बेचैनी को थोडा आसान कर दे,
आओ ये वादा करे, आओ ये इरादा करे,
ये दोस्‍ती तब छूटेगी जब हम दुनिया छोड देंगे,
या जब 30 फरवरी आयेगी
उस दिन हम ये दोस्‍ती तोड देंगे ।

अनिल बल्‍लेवार का ब्‍लाग

बहुत कुछ है यहां मनोरंजन के लिये , काका की शेरो शायरी , काका के जोक्‍स , मजेदार कहानियां , आपबीती और यारो के किस्‍से और कमेंन्‍टस ! जहां मौजमस्‍ती है वहीं साथ साथ आध्‍यात्‍म भी है यहां । बस रोज देखते जाईये । hindi shero shayari , hindi jokes , kaka ke jokes , hindi sms , friend's reveiw , comments , true story .

Funny Jokes & Video के लिये यहां क्लिक करें

  • Kaka Ke Jokes (10)
  • Dance Party (4)
  • Swimming (4)
  • जानम तेरे लिये (4)
  • Kaka Ke Jokes 1 (1)
  • भूत का भय या भय के भूत (1)

Kaka Ke Jokes रोज अपने मोबाईल पे प्राप्‍त करें

काका के जोक्‍स और शायरी रोज अपने मोबाईल पे प्राप्‍त करने के लिये 9870807070 पर नीचे लिखा मैसेज भेंज दे । आपको रोज नये नये मैसेज मिलेंगे वो भी फ्री में ......

on kakakejokes

समर्थक

श्री श्री रविशंकर जी

श्री श्री रविशंकर जी
Join Art of Living durg

गुरू जी की दिव्‍य वाणी और हमारी व्‍यथा

#75 You need to discard all answers in words including "I am nothing" " I am self" and just stuck to the question "Who i am"

शब्‍दों से कहां मुक्ति है,
शब्‍दों के ही तो सब झमेले हैं,
शब्‍दों से ही तन्‍हा नहीं है हम,
दिल में, जेहन में लगे लोगो के मेले हैं।

शब्‍द ही शब्‍द सारा जेहन शब्‍दों से भरा है,
ख्‍वाहिशे ढेरों हैं और जिंदगी जरा है
इन शब्‍दों से ही तो खुशियां से दूरी है,
मन भी सहमा है, डरा है ।

अनुभव को तो हम जी नहीं पाते हैं,
मस्‍ती को, आनंद को पी नहीं पाते हैं,
कुछ भी घटता है तो,
ये शब्‍द पहले चले आते हैं ।

इन शब्‍दों के भंवर में ही तो
सारी खुशी, सारी हंसी खो गई है,
हम पलों को जी भी नहीं पा रहे हैं
और ये बेवजह
उदास और बोझिल हो गई है ।

बस यही शब्‍द ही तो हैं
जो राह में कांटे बिछाते हैं,
इनकी वजह से ही तो
हम खुद के भीतर पहुंच नहीं पाते हैं ।

हम समझते हैं शब्‍द ही तो वो है जो
हमें कराते सबका ज्ञान है,
बात तो ठीक है, पर वो कहता है
जब तक शब्‍द है
हम खुद से और उस से अंजान है ।

जो उस तक जाना है
तो ज्ञान छोड दो, अभिमान छोड दो,
और तो और अपनी पहचान छोड दो
क्‍या ये सब होगा
वो कहता है सारे बंधन ही तोड दो ।

मेरे मालिक हां हमें भी
शब्‍दो को छोडकर अनुभव को जीना है
जिसका नशा नहीं उतरता है कभी
उस साकी की मय को पीना है ।

कोई तरकीब तो होगी, कोई तो रास्‍ता होगा,
बातें तो समझ में आती है,
पर ये कैसे होगा, ये आप बताओ,
बस एक झलक ही तो देखी है,
हुजूर शब्‍दो के पार फिर मन के पार आप ही ले जाओ ।
16/06/2008

यहां भी जायें

  • Andhra Hayderabad Khadi Kendra Durg
  • Padmashali Samaj
  • Padmashali blog
  • Art Of Living Durg
  • Commerce Guru Sumeet Agrawal
  • http://www.cybercon.co.cc
  • MicroMax Computer Durg
Created by Anil Ballewar. सरल थीम. Blogger द्वारा संचालित.