जागो प्‍यारे

काका और काकी में अनबन हो गई और उन्होंने एक दूसरे से बोलना बंद कर दिया। एक दिन काका को सुबह 5 बजे की ट्रेन से कहीं जाना था। इसके लिये 4 बजे जागना जरूरी था लेकिन वह भी पहले नहीं बोलना चाहता था। लिहाजा उसने कागज पर नोट लिखा - ''मुझे 4 बजे जगा देना।'' और काकी के सिरहाने रख दिया ।
सुबह जब वह उठा तो 9 बज रहे थे। उसकी ट्रेन छूट चुकी थी। गुस्से से भन्नाया हुआ वह काकी पर चिल्लाने ही वाला था कि उसकी नजर सिरहाने रखे कागज के टुकड़े पर पडी जिस पर लिखा हुआ था - ''4 बज गये हैं। जाग जाइये।''

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